दी ग्लोबल टाइम्स न्यूज/ देहरादून : उत्तरकाशी जनपद में सेब का प्रति वर्ष उत्पादन 25,529 मीट्रिक टन है तथा क्षेत्रफल 1172 हेक्टेयर है, जिसमें अधिकांश मोरी ब्लॉक में भी सेब का उत्पादन होता है।
उत्तराखंड में सेब उत्पादन को बढ़ावा देने व सेब से जुड़े उद्यानवालों को प्रोत्साहित करने के लिए उत्तराखंड एप्पल फेडरेशन बनाया गया था। इसका मकसद सेब की फसल को बढ़ावा देना व काश्तकारों को घर बैठे बाजार मूल्य उपलब्ध कराना था। इसके अधीन सेब सहकारी समितियों का गठन किया गया था। योजना के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में नौगांव सेब सहकारी समिति को 3.75 करोड़ रुपये का बजट दिया गया। साथ ही 75 लाख रुपये सेब सहकारी समिति ने दिए। इसके अलावा प्रक्रिया के तहत प्राइवेट पार्टनर के रूप में अन्नामृत फार्म एंड ऑनर्स कंपनी का चयन किया गया। इस कंपनी को भी अपने पास से साढ़े चार करोड़ रुपये लगाकर किसानों से सेब खरीदना था।
योजना के अनुसार, कुल बजट से सेब खरीदा गया।
खरीदा गया सेब, आगे 14-15 करोड़ रुपये में बेचा जाना था जिससे सरकार और प्राइवेट कंपनी को करीब छह करोड़ रुपये का मुनाफा होता। पर प्राइवेट कंपनी ने किसानों से खरीदे ‘ए’ कैटेगरी के सेब को घटिया बताते हुए हिसाब बना दिया। प्राइवेट कंपनी ने बताया कि किसानों से मिला सेब खराब था, जो सड़ गया। इस सेब का बाजार में दाम भी कम मिला। ऐसे में इस पूरी प्रक्रिया में सरकार को लाभ तो हुआ नहीं, उल्टा उसके साढ़े चार करोड़ रुपये फंस गए।
जांच उलझाने का प्रयास
इस घपले में पहले दिन से जांच को उलझाने का प्रयास किया गया। जांच समिति को न कभी दस्तावेज उपलब्ध कराए गए, न ही रिकॉर्ड साझा किया गया। इसके चलते दो माह तक में पूरी हो जाने वाली जांच में दो साल लग गए।
मंत्री से मिला अनुमोदन, SIT करेगी जांच
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में नौगांव सेब सहकारी समिति से जुड़े सेब घोटाले की अब एसआईटी जांच होगी। सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने एसआईटी जांच से जुड़ी फाइल को गुरुवार को अनुमोदन दे दिया। अब इस मामले में आरोपियों पर शिकंजा कसा जाएगा।