
दी ग्लोबल टाइम्स न्यूज/ देहरादून : उत्तराखंड के ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा है कि स्मार्ट मीटर लगने से बिजली उपभोक्ताओं की रीडिंग और बिलिंग संबंधी शिकायतों में काफी कमी आएगी। शनिवार को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में सुंदरम ने कहा कि स्मार्ट मीटर एक अत्याधुनिक बिजली मीटर है, जिसका नियंत्रण उपभोक्ता के हाथ में रहता है।
उन्होंने कहा, “इससे आपको हर पल बिजली के उपयोग की जानकारी मिलती है, सभी जरूरी सूचनाएं मिलती हैं, बिजली के उपयोग की तुलना होती है और भुगतान के कई विकल्प भी मिलते हैं। यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसे केंद्र के सहयोग से सभी राज्यों में भी चलाया जा रहा है।”
उन्होंने बताया कि वर्तमान में बिलिंग व मीटर रीडिंग से संबंधित सर्वाधिक शिकायतें उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) उपभोक्ता शिकायत निवारण केंद्र, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन व विभागीय शिविरों में प्राप्त होती हैं।
उन्होंने कहा, “स्मार्ट मीटर लगने के बाद मीटर रीडिंग में मानवीय हस्तक्षेप समाप्त हो जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप बिलिंग संबंधी शिकायतों में अप्रत्याशित कमी आएगी।” मोबाइल एप पर उपभोक्ता को खपत का ब्योरा उपलब्ध होगा, जिससे वे अपनी बिजली खपत का बेहतर प्रबंधन कर सकेंगे। साथ ही, बिजली संबंधी खराबी और आपूर्ति बाधित होने की सूचना भी तुरंत विभाग तक पहुंच जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि, “रूफटॉप सोलर स्थापित करते समय यह मीटर नेट मीटर की तरह काम करेगा।
सुंदरम ने स्पष्ट किया कि “पुराने मीटर को स्मार्ट मीटर से बदलने के लिए कोई स्थापना शुल्क नहीं लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा, “फिलहाल केंद्र के निर्देश पर सिर्फ पोस्टपेड मीटर ही लगाए जा रहे हैं। फिर भी अगर कोई उपभोक्ता स्वेच्छा से प्रीपेड मीटर का उपयोग करना चाहता है तो उसे घरेलू कनेक्शन पर मौजूदा बिजली दरों पर चार फीसदी और अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं को तीन फीसदी की छूट मिलेगी।”
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर विभाग मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों के आवासों पर स्मार्ट मीटर लगाने का अभियान शुरू करेगा। उन्होंने कहा, “मोबाइल ऐप या ऑनलाइन के माध्यम से घर बैठे मीटर रिचार्ज करने पर बिजली बिलों पर ब्याज या विलंब शुल्क से राहत मिलेगी।”
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि छुट्टियों के दिनों या रात में शेष राशि समाप्त हो जाने के बाद भी निर्बाध बिजली की उपलब्धता बनी रहेगी। योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि जून 2026 तक 59,212 ट्रांसफार्मर और 2,602 फीडर मीटर बदले जाएंगे, जिससे 15.88 लाख उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।