दी ग्लोबल टाइम्स न्यूज़ /देहरादून
ऋषिकेना: जून माह में कुछ दिन पूर्व योगनगरी ऋषिकेश में उज्जैन से ऋषिकेश पहुंची ट्रेन में महिला के कटे हाथ पांव मिलने से सनसनी फैल गई थी महिला के कटे हाथ में उसका नाम मीरा बेन और गोपाल भाई गुदा हुआ था।
इस केस की गुत्थी पुलिस द्वारा अथक प्रयासों के बाद सुलझा ली गई है। वहीं इस मामले में आरोपी कमलेश को उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया है।
जीआरपी पुलिस ने बताया कि इस अंधे कत्ल में पुलिस ने शानदार भूमिका निभाई है और कैटरिंग का काम करने वाले कमलेश को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार रतलाम में पति से विवाद होने के बाद महिला ट्रेन में सवार होकर उज्जैन आई थी और यहां पर अकेली प्लेटफॉर्म पर बैठी थी कि तभी यहां आरोपी कमलेश महिला के पास पहुंचा और बातचीत करते हुए महिला को अपने साथ अपने घर पर ले गया। फिर वहां पर खाना खिलाने के बहाने महिला के खाने में नशे की दवा खिला दी जिसके कारण महिता कुछ हद तक बेहोश हो गई थी और फिर महिला के साथ जोर जबरदस्ती करने का प्रयास किया। महिला ने इसका विरोध किया तो पास में ही पड़ी एक वस्तु से महिला पर हमला कर दिया। इसके कारण महिला बेहोश हो गई थी और उसके बाद में कमलेश ने महिला का गला घोट दिया और बाजार से धारदार हथियार लिया और कई भागों में शरीर को काट दिया।
तीन हिस्सों में महिला का दो ट्रेनों में रख दिया था जो कि जीआरपी पुलिस को इंदौर में एक पैसेंजर ट्रेन में आठ जून को मिला। जबकि उत्तराखंड के ऋषिकेश में 9 जून को महिला के शव के अंग मिले थे। ऋषिकेश में मिले हाथ-पैर के हाथ में महिला का नाम लिखा हुआ था। इसके आधार पर पुलिस तालाश करती हुई रतलाम पहुंची और यहां से महिला की शिनाखा तो हुई थी और फिर महिला के आखिरी लोकेशन उज्जैन में पाई गई। पुलिस हत्यारे तक पहुंच गई।
पूरे घटनाक्रम में आरोपी कमलेश की पत्नी जो कि मूक बधिर है, उसके माध्यम से हत्या के सारे सबूत जुटाए गए और उसकी इस हत्याकांड की अहम कड़ीं बनाया गया है। हत्याकांड की घटना में कुलसी में मूकबधिर संस्था से जुड़े लोगों का भी सहारा लिया गया।
वहीं पकड़ा गया कमलेश मूल रूप से उत्तर प्रदेश के ललितपुर का रहने वाला है और उज्जैन में हुए पिछले बार सिंहस्थ मेले में घूमने के लिए उज्जैन आया था और यहीं पर रहने लगा और कैटरिंग का काम कर रोजी-रोटी कमाने लगा था। उसके मन में इस तरह का विचार क्यों आया इसका पूछताछ में खुलासा होगा, लेकिन बताया जाता है कि वह उज्जैन के रेलवे स्टेशन पर ही घूमता रहता है।
बात दे कि आरोपी कमलेश ने महिला की हत्या के बाद उसके मोबाइल में अपनी सिम डाली थी क्योंकि पुलिस लगातार इस केस को ट्रेक कर रही थी और इस बीच आरोपी तक पहुंचने के लिए वह 400 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खगाल चुकीं थी और इसी सिम को ट्रेस करते हुए पुलिस आरोपी तक पहुंच गई और ठीक 17 दिनो के अंदर पुलिस ने इस मामले का खुलासा कर दिया।
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