
दी ग्लोबल टाईम्स न्यूज़ /देहरादून : उत्तराखंड में रोपवे परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए आज देहरादून में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस बैठक में केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं और राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत नए रोपवे प्रस्तावों पर चर्चा की गई। बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में “डबल इंजन” सरकार राज्य के धार्मिक और पर्यटन स्थलों को रोपवे कनेक्टिविटी के माध्यम से जोड़कर तीर्थाटन और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इन परियोजनाओं से न केवल सुगम यात्रा सुनिश्चित होगी बल्कि स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
मार्च में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड में गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी तक रोपवे परियोजना के निर्माण को मंजूरी दी थी। 12.4 किलोमीटर लम्बी इस परियोजना का विकास कुल 2,730.13 करोड़ रुपये की पूंजीगत लागत से किया जाएगा।
वर्तमान में हेमकुंड साहिब जी की यात्रा गोविंदघाट से 21 किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है, जो पैदल, टट्टू या पालकी के साथ की जा सकती है। प्रस्तावित रोपवे का उद्देश्य हेमकुंड साहिब जी के दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों और फूलों की घाटी में आने वाले पर्यटकों को सुविधा प्रदान करना है। यह गोविंदघाट और हेमकुंड साहिब जी के बीच हर मौसम में अंतिम मील तक कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा।
रोपवे को सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विकसित करने की योजना है और यह गोविंदघाट से घांघरिया (10.55 किमी) तक मोनोकेबल डिटैचेबल गोंडोला (एमडीजी) पर आधारित होगा, जो घांघरिया से हेमकुंड साहिब जी (1.85 किमी) तक सबसे उन्नत ट्राइकेबल डिटैचेबल गोंडोला (3एस) तकनीक के साथ सहज रूप से एकीकृत होगा। इसकी डिजाइन क्षमता प्रति घंटे प्रति दिशा 1,100 यात्री (पीपीएचपीडी) है, जो प्रतिदिन 11,000 यात्रियों को ले जा सकती है।
रोपवे परियोजना निर्माण और संचालन के दौरान, साथ ही आतिथ्य, यात्रा, खाद्य और पेय (एफ एंड बी) और पूरे वर्ष पर्यटन जैसे संबद्ध पर्यटन उद्योगों में पर्याप्त रोजगार के अवसर पैदा करेगी।