
दी ग्लोबल टाईम्स न्यूज़ /नारायणपुर (छत्तीसगढ़): केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद को खत्म करने के लिए अभियान तेज कर दिया है। इसके तहत मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। नारायणपुर कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाई ने बताया कि सभी नक्सल पीड़ितों और सरेंडर करने वाले नक्सलियों के लिए आवास के लिए सर्वे कराया गया था और सभी पात्र लाभार्थियों को पीएम आवास स्वीकृत कर दिया गया है।
प्रतिष्ठा ममगाई ने बताया, “सरकार की नीति के तहत सभी नक्सल पीड़ितों और आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए आवास के लिए सर्वेक्षण कराया गया था और इस सर्वेक्षण के तहत सभी पात्र लाभार्थियों को पीएम आवास स्वीकृत किया गया है। साथ ही, हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि लोग अपनी रुचि के आधार पर लाइवलीहुड कॉलेज में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिला ले सकें। इसके तहत 110 लोग प्रशिक्षण ले रहे हैं। यह प्रशिक्षण तीन से चार विषयों में दिया जा रहा है। उदाहरण के लिए, टैक्सी ड्राइवर, प्लंबर और जल वितरण के लिए पाठ्यक्रम चल रहे हैं, इसलिए हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक लोग अपनी रुचि का पाठ्यक्रम अपनाएं और इसके माध्यम से आजीविका कमाएं।”
उन्होंने कहा, “जब भी नक्सल पीड़ित और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली हमारे पास आते हैं, तो हम उन्हें नई आजीविका शुरू करने के लिए सहायता प्रदान करते हैं और उन्हें सभी सरकारी योजनाओं का लाभार्थी बनाने का प्रयास करते हैं। प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें रोजगार के नए साधन मिलेंगे।”
छत्तीसगढ़ की नई नक्सल पुनर्वास नीति में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के भविष्य को सुरक्षित करने की व्यवस्था की जा रही है। इस पहल के तहत समर्पित नक्सलियों को उनकी दक्षता के अनुसार लाइवलीहुड कॉलेज में प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिसमें जिला स्तर पर कौशल विकास और उन्नयन पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण को पूरा करने के बाद उन्हें रोजगार या स्वरोजगार के लिए तीन साल की अवधि तक दस हजार रुपये का मासिक भत्ता भी मिलेगा।
नारायणपुर जिला मुख्यालय में लाइवलीहुड कॉलेज के माध्यम से सरकार द्वारा चलाए जा रहे विशेष प्रशिक्षण शिविरों में भूतपूर्व नक्सलियों को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आत्मसमर्पित नक्सली आत्मनिर्भर बनने की राह पर आगे बढ़ रहे हैं और अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। इन शिविरों में प्रशिक्षण ले रहे आत्मसमर्पित नक्सली वर्तमान से संतुष्ट नजर आ रहे हैं, वहीं अपने अतीत पर अफसोस भी जता रहे हैं।
नारायणपुर के लाइवलीहुड कॉलेज में आत्मसमर्पित नक्सलियों को सिलाई, कढ़ाई, राजमिस्त्री, प्लंबिंग, ड्राइविंग और कंप्यूटर कौशल की तकनीकी शिक्षा दी जा रही है।
कौशल विकास एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि बस्तर के आत्मसमर्पित नक्सलियों के भविष्य को देखते हुए उनके मौजूदा कौशल को देखते हुए उन्हें स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें विकसित करने के लिए जिस भी क्षेत्र में वे काम करना चाहते हैं, उसमें उन्हें प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, ताकि उन्हें रोजगार मिल सके और वे स्वरोजगार भी कर सकें। इसी परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री विष्णुदेव की मंशा के अनुरूप उन्हें इन क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
क्या बोला सरेंडर करने वाला नक्सली
“मैंने इसी साल जनवरी में सरेंडर किया था। मुझे बताया गया था कि सरकार की तरफ से मुझे ट्रेनिंग दी जाएगी। सरेंडर करने के बाद हम एक महीने के लिए घर चले गए। हमें सरकार ने बुलाया था, इसलिए हम यहां आए हैं। हम 3 महीने से ट्रेनिंग ले रहे हैं। जब हम नक्सली संगठन से जुड़े थे, तब हम संगम के सदस्य थे। हम गांव में उनके डर से रहते थे। फिर हमें सरकार की योजना के बारे में बताया गया और हमें सरेंडर करने के लिए कहा गया। फिर हमने सरेंडर कर दिया। हमें सरकार की योजना का लाभ मिल रहा है। सीखने के बाद हमें सिलाई मशीन मिलेगी, जिससे हम रोजगार पैदा करेंगे।”