दी ग्लोबल टाइम्स न्यूज/ देहरादून : उत्तराखंड में कॉमर्शियल वाहनों की मॉडल सीमा जल्द तय हो सकती है। इसको लेकर परिवहन विभाग ने सात फरवरी को मुख्यालय में बैठक बुलाई है, जिसमें पंजीकृत परिवहन संगठन और यूनियनों के दो-दो पदाधिकारी भी शामिल होंगे।
दरअसल, वाहनों की आयु सीमा तय करने के अधिकार पर रोक के बाद उत्तराखंड का परिवहन विभाग अब ऐसे वाहनों के मॉडल की समय सीमा लागू करने जा रहा है। इसके अनुसार, वाहनों को परमिट तय समय तक ही दिए जाएंगे। इसके बाद वाहनों के मालिक को उस रूट से अपना वाहन हटाना होगा। वाहन स्वामी चाहे तो दूसरे रूट के लिए आवेदन कर सकेगा। इसको लेकर मुख्यालय स्तर पर समिति बनाई गई है, जिसने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। आरटीओ-प्रशासन सुनील शर्मा ने बताया कि सात फरवरी को परिवहन मुख्यालय में बैठक होनी है। इस दौरान परिवहन यूनियन और संगठनों से सुझाव लिए जाएंगे। इसके बाद प्रस्ताव शासन भेजा जाएगा।
आयु सीमा निर्धारण के फैसले पर लगी थी रोक
पूर्व में परिवहन विभाग ने वाहनों की आयु सीमा तय की थी। इसके तहत डीजल से चलने वाले ऑटो की आयु सीमा दस साल और पेट्रोल से चलने वाले ऑटो की आयु 12 साल तय की गई थी। बाकी कॉमर्शियल वाहनों की आयु सीमा भी तय की गई। लेकिन, राज्य सरकार को आयु सीमा तय करने का अधिकार नहीं होने पर 2018 में कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी।
सिटी बस सेवा सोसायटी विरोध में उतरी, पत्र लिखा
देहरादून महानगर सिटी बस सेवा सोसायटी ने कॉमर्शियल वाहनों की मॉडल सीमा तय करने की तैयारी का विरोध किया है। अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने इसके लिए उप परिवहन आयुक्त को पत्र लिखा है।
क्यों लागू करनी पड़ रही है मॉडल सीमा?
उत्तराखंड में फिलहाल वाहनों की कोई आयु सीमा तय नहीं है। ऐसे में यहां दशकों पुराने वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इनसे दुर्घटना का खतरा बढ़ने के साथ ही प्रदूषण भी बढ़ रहा है।