
दी ग्लोबल टाइम्स न्यूज/ हैदराबाद (तेलंगाना) : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद डॉ. के. लक्ष्मण ने पहलगाम आतंकी हमले के संबंध में व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा की हालिया टिप्पणियों की कड़ी आलोचना की और उन्हें चौंकाने वाला तथा “गंभीर रूप से निंदनीय” बताया। लक्ष्मण ने वाड्रा पर विभाजनकारी सवाल उठाकर आतंकवाद के खिलाफ एकता के उनके आह्वान का खंडन करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “पहलगाम घटना पर रॉबर्ट वाड्रा के बयान से पूरा देश स्तब्ध है… एक तरफ वह कहते हैं कि हमें एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ना चाहिए और दूसरी तरफ वह इस तरह के सवाल उठाते हैं… इस तरह का बयान बेहद निंदनीय है और मैं सीधे तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से कहूंगा कि वह इसकी जिम्मेदारी लें और जवाब दें… हमें समझ में नहीं आता कि कांग्रेस ‘खुफिया विफलता’ पर क्यों नहीं बोलती और पाकिस्तान की निंदा क्यों नहीं करती… इस तरह की वोट बैंक की राजनीति आपके हितों की पूर्ति कर सकती है, लेकिन यह देश के लिए अच्छा नहीं है।”
लक्ष्मण ने अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से कश्मीर में हुई प्रगति पर प्रकाश डाला तथा विकास, रोजगार और सामाजिक एकीकरण में सुधार का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर में विकास हुआ और स्थानीय आबादी राष्ट्रीय मुख्यधारा में शामिल होने लगी तथा बेरोजगारी की समस्या का समाधान किया जा रहा है… वाड्रा को जागरूकता दिखानी चाहिए और अपनी पार्टी को वर्तमान वास्तविकता से अवगत कराना चाहिए…”
भाजपा नेता की यह टिप्पणी बुधवार को वाड्रा के बयान के जवाब में आई है, जिसमें उन्होंने हमले पर दुख जताया था, लेकिन कहा था कि देश में बढ़ता “सांप्रदायिक विभाजन” इस तरह के आतंकवादी कृत्यों में योगदान दे सकता है।
वाड्रा ने कहा, “मुझे बहुत बुरा लग रहा है और मेरी गहरी संवेदनाएं इस आतंकवादी कृत्य में मारे गए लोगों के प्रति हैं…हमारे देश में हम देखते हैं कि यह सरकार हिंदुत्व की बात करती है और अल्पसंख्यक असहज और परेशान महसूस करते हैं…यदि आप इस आतंकवादी कृत्य का विश्लेषण करें, यदि वे (आतंकवादी) लोगों की पहचान को देख रहे हैं, तो वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्योंकि हमारे देश में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा हो गया है।”
उन्होंने कहा, “इससे इस तरह के संगठनों को लगेगा कि हिंदू सभी मुसलमानों के लिए समस्या पैदा कर रहे हैं। पहचान के आधार पर किसी की हत्या करना, यह प्रधानमंत्री के लिए संदेश है, क्योंकि मुसलमान खुद को कमजोर महसूस कर रहे हैं। अल्पसंख्यक खुद को कमजोर महसूस कर रहे हैं… यह बात शीर्ष स्तर से आनी चाहिए कि हम अपने देश में सुरक्षित और धर्मनिरपेक्ष महसूस करें, और हम इस तरह की हरकतें होते नहीं देखेंगे।”
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में एक नेपाली नागरिक समेत 26 नागरिक मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। इस हमले की व्यापक निंदा हुई है और भारत सरकार ने तुरंत कूटनीतिक और रणनीतिक जवाबी कार्रवाई की है।