
दी ग्लोबल टाइम्स न्यूज/ देहरादून : काशीपुर की शायरा बानो, जो ट्रिपल तलाक और बहुविवाह के खिलाफ अपनी कानूनी लड़ाई में एक निर्णायक व्यक्तित्व के रूप में उभरी हैं, ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की और राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए आभार व्यक्त किया।
शायरा बानो ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर पुष्कर धामी से मुलाकात की। शायरा बानो ने सीएम धामी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता लागू होने से राज्य में महिलाओं को समान अधिकार मिलेंगे। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू होने से राज्य की महिलाओं में खुशी का माहौल है।
उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता समाज में समानता स्थापित करेगी, जिससे देश और प्रदेश को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। फरवरी 2016 में तीन तलाक, बहुविवाह और निकाह हलाला पर प्रतिबंध लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के तुरंत बाद शायरा बानो को उनके पति ने तीन तलाक दे दिया था। जिसके बाद देशभर में हजारों मुस्लिम महिलाएं एकजुट होकर तीन तलाक को खत्म करने की मांग कर रही हैं।
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019 मुसलमानों में तत्काल तीन तलाक को अपराध बनाता है तथा इसके लिए पति को तीन वर्ष की जेल की सजा का प्रावधान करता है। इस बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 27 जनवरी को राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के आधिकारिक कार्यान्वयन की घोषणा की, जिसे उन्होंने उत्तराखंड और राष्ट्र के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया। इस उपलब्धि के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि 27 जनवरी को प्रतिवर्ष “यूसीसी दिवस” के रूप में मनाया जाएगा, जो भारत के स्वतंत्रता के बाद के इतिहास में इसके महत्व पर प्रकाश डालेगा।
सीएम धामी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एक विशेषज्ञ समिति ने 2.35 लाख व्यक्तियों से परामर्श करने के बाद यूसीसी का मसौदा तैयार किया और कहा कि यूसीसी को लागू करके राज्य सरकार संविधान के निर्माता डॉ बीआर अंबेडकर और संविधान सभा के सभी सदस्यों को श्रद्धांजलि दे रही है।
उत्तराखंड समान नागरिक संहिता अधिनियम, 2024, वसीयतनामा उत्तराधिकार के तहत वसीयत और पूरक दस्तावेजों, जिन्हें कोडिसिल के रूप में जाना जाता है, के निर्माण और रद्द करने के लिए एक सुव्यवस्थित ढांचा स्थापित करने के लिए बनाया गया है। राज्य सरकार के अनुसार यह अधिनियम उत्तराखंड राज्य के सम्पूर्ण क्षेत्र पर लागू होता है तथा उत्तराखंड से बाहर रहने वाले राज्य के निवासियों पर भी प्रभावी है। (एएनआई)