
दी ग्लोबल टाईम्स न्यूज़ /देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्यमंत्री आवास से भीमगोडा, हरिद्वार में जगदीश स्वरूप विद्यानन्द आश्रम ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ-श्रीमद् भागवत कथा को वर्चुअली सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री ने भागवत कथा में उपस्थित परमपूज्य जगद्गुरु आचार्य श्री गरीबदास जी महाराज, श्रीब्रह्मसागर जी महाराज भूरी वाले, परमपूज्य स्वामी श्री अमृतानन्द जी महाराज, युवा संत स्वामी पूज्य श्री राम जी महाराज एवं कथा व्यास पूज्य इन्द्रेश उपाध्याय जी और सभी संतगणों, श्रद्धालुओं का स्वागत एवं अभिनंदन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संतों का समागम और हरि कथा, दोनों ही दुर्लभ हैं और ये दोनों सौभाग्य से ही प्राप्त होते हैं। श्रीमद्भागवत महापुराण कोई सामान्य ग्रंथ नहीं, अपितु स्वयं श्रीकृष्ण की दिव्य वाणी का साकार रूप है। इसमें भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और धर्म इन चारों पुरुषार्थों का उत्कृष्ट वर्णन मिलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में जब मनुष्य भौतिकता की दौड़ में मानसिक और आत्मिक रूप से अशांत है, तो ऐसे समय में श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण हमें आंतरिक शांति, समाधान और आत्म-साक्षात्कार का मार्ग दिखाता है। उन्होंने कहा कि आज आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी सनातन संस्कृति की पताका संपूर्ण विश्व में लहरा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार भी देवभूमि उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। हम जहां एक ओर केदारखण्ड और मानसखण्ड के मंदिर क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण के लिए अनेकों कार्य कर रहे हैं। वहीं हरिपुर कालसी में यमुनातीर्थ स्थल के पुनरुद्धार की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं। हरिद्वार ऋषिकेश कॉरिडोर के साथ-साथ शारदा कॉरिडोर के निर्माण की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हमने भारतीय संस्कृति, दर्शन और इतिहास के गहन अध्ययन के लिए दून विश्वविद्यालय में ‘सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज’ की स्थापना भी की है। हमारी सरकार देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के प्रति पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है।
इस अवसर पर व्यास-पूज्य इन्द्रेश जी उपाध्याय, स्वामी राम जी महाराज, स्वामी भूपेन्द्र गिरी जी महाराज,स्वामी सतदेव जी महाराज, महामण्डलेश्वर निर्मला बाबा जी, गुजरात, स्वामी ऋषेश्वरानन्द जी महाराज, स्वामी हीरा योगी जी महाराज,आचार्य विशोकानन्द जी महाराज जी,आचार्य रामचन्द्र दास जी महाराज, योगी आशुतोष जी महाराज, सुप्रसिद्ध गायक बी०प्राक जी मौजूद रहे।