
दी ग्लोबल टाईम्स न्यूज़ /नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारत भर में परंपरा और नवाचार, विजय और वन्य जीवन, और सांस्कृतिक और व्यक्तिगत परिवर्तन की कहानियों को एक साथ पिरोया, और प्रगति को बढ़ावा देने वाली लचीलेपन की तस्वीर पेश की।
अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 122वें एपिसोड के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के गिर में बढ़ती शेर आबादी से लेकर सिक्किम के डॉ. चेवांग नोरबू भूटिया की अभिनव भावना और उत्तराखंड के कलाकार जीवन जोशी के बारे में बात की।
उन्होंने गर्व से भरी गर्जना के साथ अपने भाषण की शुरुआत की और पिछले पांच वर्षों में गुजरात के गिर में शेरों की आबादी में हुई उल्लेखनीय वृद्धि पर प्रकाश डाला, जो 674 से बढ़कर 891 हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने वन अधिकारियों के रूप में बड़ी संख्या में महिलाओं की नियुक्ति करने वाला देश का पहला राज्य बनने के लिए गुजरात की प्रशंसा भी की।
प्रधानमंत्री ने कहा, “पिछले पाँच वर्षों में ही गुजरात के गिर में शेरों की संख्या 674 से बढ़कर 891 हो गई है। शेरों की गणना के बाद सामने आई शेरों की यह संख्या बहुत उत्साहजनक है। गुजरात पहला ऐसा राज्य बना जहाँ वन अधिकारी के पद पर बड़ी संख्या में महिलाओं की नियुक्ति की गई। इन सभी का योगदान है, जो परिणाम हम आज देख रहे हैं। हमें वन्य जीव संरक्षण के लिए हमेशा इसी तरह सजग और सतर्क रहना होगा। यह इस बात का एक बेहतरीन उदाहरण है कि परंपरा और नवाचार एक साथ कैसे आ सकते हैं!”
पूर्वोत्तर की ओर रुख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सांस्कृतिक और आर्थिक पुनरुत्थान की एक झलक दिखाई तथा सिक्किम के एक अद्वितीय सामाजिक उद्यम, क्राफ्टेड फाइबर्स की सफलता की कहानी साझा की, जिसे डॉ. चेवांग नोरबू भूटिया ने शुरू किया था।
उन्होंने कहा कि क्राफ्टेड फाइबर्स सिर्फ एक ब्रांड नहीं है, बल्कि यह परंपरा, बुनाई कला और आधुनिक फैशन का मिश्रण है। उन्होंने कहा कि डॉ. भूटिया, जो एक पशु चिकित्सक हैं, का उद्देश्य पारंपरिक शिल्प कौशल को समकालीन फैशन के साथ जोड़कर बुनाई को एक नया आयाम देना है।
“पूर्वोत्तर की बात ही कुछ और है; इसकी क्षमता और प्रतिभा वाकई अद्भुत है। मुझे क्राफ्टेड फाइबर्स की एक दिलचस्प कहानी पता चली है। क्राफ्टेड फाइबर्स सिर्फ़ एक ब्रांड नहीं है; यह सिक्किम की परंपरा, बुनाई की कला और आज की फैशन सोच का एक खूबसूरत संगम है। इसकी शुरुआत डॉ. चेवांग नोरबू भूटिया ने की थी।
प्रधानमंत्री ने कहा, “वे पेशे से पशु चिकित्सक हैं और दिल से सिक्किम की संस्कृति के सच्चे ब्रांड एंबेसडर हैं।”
उन्होंने कहा, “उन्होंने सोचा, क्यों न बुनाई को एक नया आयाम दिया जाए?’ और इसी सोच से क्राफ्टेड फाइबर्स का जन्म हुआ। उन्होंने पारंपरिक बुनाई को आधुनिक फैशन से जोड़ा और इसे एक सामाजिक उद्यम बना दिया। अब वह सिर्फ कपड़े नहीं बनाते; वह जिंदगी बुनते हैं। वह स्थानीय लोगों को कौशल प्रशिक्षण देते हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर बन रहे हैं। गांव के बुनकरों, पशुपालकों और स्वयं सहायता समूहों को जोड़कर डॉ. भूटिया ने रोजगार के नए रास्ते बनाए हैं।”
इसके बाद मोदी ने उत्तराखंड का जिक्र किया, जहां लचीलापन और रचनात्मकता का मेल है। उन्होंने हल्द्वानी के 65 वर्षीय कलाकार जीवन जोशी की कहानी साझा की, जो सूखे देवदार के पेड़ की छाल को खूबसूरत कलाकृतियों में बदल देते हैं और ‘बगेट’ नामक एक अनूठी कलाकृति बनाते हैं।
बचपन में पोलियो से पीड़ित होने के बावजूद, जिसके कारण उनके पैर कमज़ोर हो गए थे, जीवन ने कभी हार नहीं मानी और अपनी कल्पना को अपनी कलाकृतियों में ढाल दिया। उनकी कृतियाँ अक्सर लोक वाद्यों को दर्शाती हैं और पहाड़ों की आत्मा को दर्शाती हैं।
“आज मैं आपको एक ऐसे अद्भुत व्यक्ति के बारे में बताना चाहता हूँ जो एक कलाकार भी हैं और एक जीती जागती प्रेरणा भी। इनका नाम है जीवन जोशी, उम्र 65 वर्ष। अब सोचिए, जिनके नाम में ही जीवन है, वो कितने जिंदादिल होंगे। जीवन जी उत्तराखंड के हल्द्वानी में रहते हैं। बचपन में पोलियो ने उनके पैरों की ताकत छीन ली, लेकिन हिम्मत नहीं छीन सका। भले ही उनकी चलने की गति धीमी हो गई, लेकिन उनका मन कल्पना की हर उड़ान पर उड़ता रहा। इसी उड़ान में जीवन जी ने एक अनूठी कला को जन्म दिया और इसे नाम दिया ‘बगेट’। इसमें वो चीड़ के पेड़ों से गिरने वाली सूखी छाल से खूबसूरत कलाकृतियाँ बनाते हैं। जिस छाल को लोग आमतौर पर बेकार समझते हैं, वो जीवन जी के हाथों में आते ही धरोहर बन जाती है। उनकी हर रचना में उत्तराखंड की मिट्टी की खुशबू होती है। कभी पहाड़ों के लोक वाद्य यंत्र होते हैं, तो कभी ऐसा लगता है जैसे पहाड़ों की आत्मा उस लकड़ी में समा गई हो।”
प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’ में गिर के शेरों की दहाड़, सिक्किम के बुनकरों के धागों और उत्तराखंड के पहाड़ों की कलात्मक फुसफुसाहट गूंजती है, जो दर्शाती है कि कैसे भारत की प्रगति उसके लोगों की ताकत और परंपरा के साथ नवाचार के मिश्रण से प्रेरित है।