
दी ग्लोबल टाईम्स न्यूज़ /नई दिल्ली : राष्ट्रीय संकल्प की एक शक्तिशाली घोषणा में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत अब छद्म युद्ध और आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा, उन्होंने एक नए सिद्धांत पर जोर दिया: “यदि आप गोली चलाते हैं, तो बदले में गोले की अपेक्षा करें।” उनका यह बयान साहस और नेतृत्व की प्रतीक अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर भोपाल में एक भावपूर्ण संबोधन के दौरान आया।
प्रधानमंत्री मोदी का भाषण ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर केंद्रित था, जो पहलगाम में हुए घातक हमले के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में आतंकी ढांचे पर भारतीय सेना द्वारा किया गया एक बड़ा जवाबी हमला था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। प्रधानमंत्री के अनुसार, यह ऑपरेशन भारत के इतिहास में सबसे सफल और दूरगामी सैन्य प्रतिक्रिया का प्रतिनिधित्व करता है।
इस कार्यक्रम में 15,000 से ज़्यादा महिलाएं लाल रंग की चमकीली सिंदूरी साड़ियों में मौजूद थीं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कैसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की उभरती हुई महिला शक्ति का प्रतीक बन गया है।प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारतीय बेटियाँ न सिर्फ़ बाधाओं को तोड़ रही हैं, बल्कि पंजाब और गुजरात की सीमाओं से लेकर आतंकवाद और नक्सलवाद के ख़िलाफ़ युद्ध के मैदानों तक राष्ट्रीय रक्षा की अग्रिम पंक्ति में खड़ी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज हमारी बेटियाँ राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से स्नातक हो रही हैं और सेना, नौसेना और वायु सेना में अपने पुरुष समकक्षों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं। उनका साहस अब राष्ट्र के लिए एक ढाल है।” उन्होंने बीएसएफ महिला सैनिकों के योगदान की प्रशंसा की, खासकर सीमा पार झड़पों के दौरान उनकी बहादुरी की।
अपने संदेश के ज़रिए प्रधानमंत्री मोदी ने परंपरा और आधुनिक वीरता को आपस में जोड़ते हुए बताया कि कैसे भारतीय नारीत्व का प्रतीक पवित्र सिंदूर अब नए भारत की मारक क्षमता और संकल्प का प्रतिनिधित्व करने लगा है। संस्कृति के सम्मान से लेकर आतंक का बदला लेने तक, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक ऐसे भारत की सुबह का संकेत देता है जो साहसी, एकजुट और अडिग है।